Last modified on 23 जून 2009, at 19:39

एक आदमी के बारे में / महमूद दरवेश

उन्होंने उसके मुँह पर जंज़ीरें कस दीं

मौत की चट्टान से बांध दिया उसे

और कहा-- तुम हत्यारे हो


उन्होंने उससे भोजन, कपड़े और अण्डे छीन लिए

फेंक दिया उसे मृत्यु-कक्ष में

और कहा-- चोर हो तुम


उसे हर जगह से भगाया उन्होंने

प्यारी छोटी लड़की को छीन लिया

और कहा-- शरणार्थी हो तुम, शरणार्थी


अपनी जलती आँखों

और रक्तिम हाथों को बताओ

रात जाएगी

कोई क़ैद, कोई जंज़ीर नहीं रहेगी

नीरो मर गया था रोम नहीं

वह लड़ा था अपनी आँखों से


एक सूखी हुई गेहूँ की बाली के बीज़

भर देंगे खेतों को

करोड़ों-करोड़ हरी बालियों से