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एक औरत का वेश्या बनना / मंजरी श्रीवास्तव

जब अजनबी थे हम
तुमने मुझे जानना चाहा
मैंने भी हंसकर
अपने बारे में तुम्हें बताया
हम दोस्त बने
जब तुमने दोस्ती का हाथ बढ़ाया
फिर तुमने मुझे प्रेमिका कहा
जब मैंने प्रेम में अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया
तो सबसे पहले
तुमने ही मुझे
बनाया ‘वेश्या’!