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एक और बेनाम वेश्या कहती है / भारत भूषण तिवारी / मार्टिन एस्पादा

परदे लगी हुई खिडकियों को था पता कि क्या हुआ;
भूतों से ग्रस्त अपनी नींदों में कराहते, फिलाडोल्फिया के
फुटपाथों पर सोनेवालों को था पता, कि क्या हुआ;
सोंटे की मार से भौंह के पास बने जख्म से धन्य हुए
हर काले आदमी को पता था क्या हुआ;
एक सदी पहले मर चुके कवि, पुल की दूसरी तरफ बनी
अपनी कब्र से चौकसी रखने वाले
वॉल्ट व्हिटमन तक को था पता कि क्या हुआ

पन्द्रह से भी ज्यादा बरस पहले
पुलिसिया गाड़ी की हेडलाइटों की मोतियाबिन्दी टकटकी
बन्दूक की गोली का असम्भव कोण
खून की छोटी नदियाँ और तालाब
अधिकारी फॉकनर मृत, संशयित मुमिया ने छाती पर गोली चलायी
वे बेनाम गवाह जिन्होंने बन्दूकधारी को भागते देखा था, उसका दिल और
कदम
दोनों धड़धड़ाते
सड़क किनारे उकडँू बैठीं बेनाम वेश्याओं को पता है
ठंड से जम गये नंगे पैर उनके
धुँधली पड़ती चोटों की लाली से सजे
उनके चेहरों ने कनखियों से देखा उस रात
अब चेहरे धुँधले पड़ते जाते हैं
शायद कोई चश्मदीद गवाह सड़ती है जमीन के बिस्तरे में खुली आँखों से
या तिरती है अपने नशे के उष्ण प्रवाह में
या पुलिस की विषदंती फुुफकारों से बचने
जा छुपती है वाल्ट व्हिटमन की कब्र में
जहाँ ग्रैनाइट का दरवाज़ा खुला है
और सुस्ता सकते है भगोड़े दास

मुमिया: पैन्थर टोपी; सोचती जटाएँ
असहमत शब्द जो टूट पड़ते माइक पर मधुमक्खियों के झुंड की मानिन्द,
अफ्रीकी लोगों के साथ खाना खाते,
उनके काले शरीरों को झुलसा डालने वाली पुलिसिया बमबारी
के बाद भी उनके नामों को गाकर बुलाते हुए
तो गवर्नर ने कर दिए मौत के फरमान पर दस्तख्त
जल्लाद की सुई मुमिया के लिखने वाले हाथ के
भीतर पहुँचा देगी जहर
ताकि उँगलियाँ मुड़ जाएँ जले हुए मकड़े की मानिन्द;
सवाल पूछने वाला शान्त-सा उसका मुँह पड़ जाएगा सुन्न
और उसकी याद में, हर तरफ रेड़ियो बड़बड़ाते हैं खामोश हो जाने को
पर्दानशीं वेश्याएँ अब जा चुकी हैं,
नगरवधुओं की अलग-थलग अटरिया में
मगर अखबार में खबर है कि एक और बेनाम वेश्या कहते है
कि मुमिया बेगुनाह है, कि अगली सुनवाई पर वह गवाही देगी

अदालत से परे, बहुतेरे गवाह गुनगुनाते हैं, दुआ करते हैं
चाहते हैं उनकी चीखों से कैदखाना ढह जाए, अन्धड़ में फँसी एक झोंपड़ी की
तरह
मुमिया आखिरी बेनाम वेश्या अगर
भाप की खुलती हुई पगड़ी बन जाय
हाकिमों के लबादे गर बन जायँ
ऑक्टोपस के छलावे की तरह चक्कर खाते
स्याही के बादल
कफन गर बन जाय तुम्हारी रजाई
ऑटोप्सी के दौरान गर काट दी जायँ तुम्हारी जटाएँ
तो बर्बाद आरसीए फैक्टरी के ऊपर
बह चलो
जो कभी रेड़ियो को जन्म देती थी
फिर बहो वॉल्ट व्हिटमन की कब्र की ओर
जहाँ ग््रौनाइट का है दरवाजा
सुस्ता सकते हैं जहाँ भगोड़े दास