http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%8F%E0%A4%95_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A5%80_%E0%A4%A5%E0%A5%80_/_%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE_%E0%A4%AD%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%9F&feed=atom&action=historyएक गाथा लिखनी थी / कविता भट्ट - अवतरण इतिहास2024-03-28T16:40:52Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%8F%E0%A4%95_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A5%80_%E0%A4%A5%E0%A5%80_/_%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE_%E0%A4%AD%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%9F&diff=261541&oldid=prevवीरबाला: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता भट्ट |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2019-05-03T16:00:46Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता भट्ट |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=कविता भट्ट<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
<br />
मुझे इतिहास रचना था<br />
मुझे नीर भरी,<br />
दुःख की बदली बन,<br />
अपने परिचय को न तो<br />
समेट लेना था,<br />
और न ही <br />
अपने इतिहास की<br />
इतिश्री करनी थी।<br />
मुझे तो अपने एहसास के,<br />
दरख़्त पर संघर्ष की,<br />
'''एक गाथा लिखनी थी।'''<br />
बदली सा मचलना था,<br />
घनघोर घटाओं की <br />
अलमस्त छाँव में ठहरना था,<br />
बारिश की बूँदों -सा गिरना था।<br />
अनायास ही अभेद मन को<br />
सराबोर भिगोना था,<br />
नीर बनकर सड़क, गली से<br />
गुजरना था।<br />
झरना बन नदी में<br />
और नदी बन समंदर में<br />
मिल विस्तरित होना था।<br />
फिर,<br />
दर्द से जमना था,<br />
बेचैनी की ऊष्मा से उबलना था,<br />
फिर बेशक्ल आसमान मे<br />
उड़ना था और,<br />
इस चक्र का एक<br />
इतिहास बनाना था,<br />
कुछ निशाँ छोड़ जाए,<br />
वो इतिहास रचना था।<br />
<br />
-0-<br />
<br />
<.poem></div>वीरबाला