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एक पतंग / रमेश तैलंग

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भैया ! दे दे एक पतंग ।

थोड़ी सद्दी, थोड़ा मंजा
मेरी चरख़ी में दे डलवा
पेंच लड़ाऊँ तेरे संग ।
भैया ! दे दे एक पतंग ।

कल वाली फट गई हवा से,
लाऊँ अब मैं नई कहाँ से ?
दे दे न बस वही पतंग,
जिसका पीला-पीला रंग ।