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एक समूची दुनिया होती है वह / लाल्टू
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06:38, 11 अक्टूबर 2010
ब्रह्माण्ड की नज़रें साथ उसके घूमतीं
ऐसे
मौकों
मौक़ों
पर वह वह नहीं
एक समूची दुनिया होती है
तमाम अँधेरे
अनिल जनविजय
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