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एती जाथोँ त ओती जाथस / छत्तीसगढ़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एती जाथोँ त ओती जाथस, ओती जाथॉ त दोती ओ
एती जाथो त ओती जाथस, ओती जाथॉ त दोती ओ
कोन नजर के जादु मँतर मार देहे मोला ओ , हाय
मोला झोल्टु-राम बना देहे ओ ।
मोला झोल्टु-राम बना देहे ओ

झोल्टु के झोली मा का का चीज, लौँग सुपारी धथूरा के बीज ।
झोल्टु के झोला ला लेगे चोर, झोल्टु कुदावथे धोती छोर ॥
एती देखव ते ओती देखव, ओती देखव ते दोती ओ
छ्त्तीसगढ के मोहनी जरी मोला पिया देहे रे, हाय
मोला सुखडू राम बना देहे ओ
मोला झोल्टु-राम बना देये हो

तोर मया म मै जोगी बनेव, सोला बछर के मै माला जपेँव ।
का कहाव मैं ह काला बताँव, तोला बलावव के ओला बलाँव ॥
तोर मया म मै जोगी बनेव, सोला बछर के मै माला जपेँव ।
का कहाव मैं ह काला सुनाव, तोला बालावव के ओला बलाँव ॥
एती लेजाव कि ओती लेजाव , ओती लेजाव के दोती ओ
सात भाँवर के सात नचनिया, मोला नचा देहे रे , हाय
मोरा फोकटू राम बना देहे ओ
मोरा फोकटू राम बना देहे ओ

तोर जवानी के नशा मोला, गाँजा पीयेँव मे तोला तोला ।
का कहाव मैं ह काला बताँव, तोला बलावव के ओला बलाँव
आरी लेजेव के बारी लेजव , बारी लेजव के दुवारी ओ ।
बत्तीस दिन के खाना पीना मोला छोड़ा देहे ओ , हाय
मोरा फोकटू राम बना देहे ओ

एती देखव त ओती देँखँव, ओती देखँव ते दोती ओ
एती लेजाव कि ओती लेजाव , ओती लेजाव के दोती ओ
कोन नजर के जादु मँतर मार देहे मोला ओ , हाय
मोला झोल्टु-राम बना देहे ओ ।