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ऐंचा-बैंचा रूप तुम्हारा / प्रकाश मनु

पतलू जी, ओ पतलू जी,
थोड़ी सी अब सेहत बनाओ,
पतलू जी, अब सेहत बनाओ!

जब से देखा है पतलू जी
तुम उतने के उतने हो,
जैसे एक धागा लंबा सा
सचमुच ऐसे फितने हो।
थोड़ा सा अब घूम-घाम लो
थोड़ा ड्राई फ्रूट उड़ाओ!
पतलू जी, कुछ सेहत बनाओ!

परेशान सबको करता है
ऐचा-बेंचा रूप तुम्हारा,
मुखड़ा इतना दुबला है
दूर गगन में जैसे तारा।
सेब, अनार, संतरा खाओ
खा-पीकर कुछ रंग जमाओ,
और सुनाकर नए लतीफे
बढ़िया छक्का एक लगाओ!
पतलू जी, कुछ सेहत बनाओ!

रूखे-सूखे बने रहे तो
संग हवा के उड़ जाओगे,
और गिरे तो तिनका-तिनका
होकर यहीं बिखर जाओगे।
इससे अच्छा कसरत करके
थोड़ा अपनी भूख बढ़ाओ,
भूख बढ़ाकर दलिया खाओ
दूध पियो, बादाम चबाओ।
पतलू जी कुछ सेहत बनाओ!