Changes

{{KKGlobal}}
{{KKLokRachna|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}<poem>ऐली पैली सखरिया री पाल<br>पालां रे तंबू तांणिया रे।<br>रेजाये वनी रे बापाजी ने कैजो, के हस्ती तो सामां मेल जो जी।<br>जीनहीं म्हारां देसलड़ा में रीत, भंवर पाला आवणों जी।<br>जीजाय बनी रा काकाजी ने कैजो<br>घुड़ला तो सांमां भेजजो जी<br>नहीं म्हारे देशां में रीत, भेवर पाला चालणों जी<br>जाय बनीरा माता जी ने कैजो<br>सांमेला सामां मेल जो जी<br>नहीं म्हारे देशलड़ां में रीत<br>भंवर पाला आवणों री।री</poem>