Last modified on 15 जुलाई 2010, at 04:46

ऐसा क्यों / ओम पुरोहित ‘कागद’

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:46, 15 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>क्यों सजाए हो सिंधुघाटी के उस एक मात्र कंकाल को आलिंगनबद्ध जोड…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

क्यों सजाए हो
सिंधुघाटी के उस एक मात्र कंकाल को
आलिंगनबद्ध जोडे़ के कंकाल को
कंटीले तरों के बीच