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ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात / शिवजी का ब्याह

ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

चढ़ी बरात लई आगौनी, नर-नारी सब देखन आए मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी॥ ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

बालक-बच्चे करैं चवौआ भाग चलौ ह्याँ आयौ हौआ मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

सोच समझकै दियौ जनमासौ बारौठी कौ करौ तमासौ चौमुख दिवला बाल सजा लई कंचन की थारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

करन आरता मैना आई रूप देखकै वो घबराई मैया खड़े सेई खाइयै पछार छूट गई कंचन की थारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

आठ माघ नौ कातिक न्हाई दस बैसाख अलूनौ खाई बहना फूटे री या गौरा के भाग कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

हाथ जोड़ गौरा है गई ठाड़ी भेस बदल लो हे तिपुरारी मेरी घबरा रई महतार कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

बदलूँ भेस करूँ ना देरी तेरी माँ अब माँ है मेरी मत ना घबरावै महतार कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)

जब भोले नै रूप सँवारौ माई-बाप कौ मन हरषायौ मैया सुखी री भयौ है संसार पड़न लगीं बुँदियाँ अति भारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)