ऐसी मत मंद फंद नहिं सूझे।
आवत नहीं निकट सतगुरु के काल कर्म के रन में जूझे।
प्रतमा पूज जूझ में अटको भटक मरो फिर पंथ न सूझे।
जूड़ीराम नाम बिन चीन्हें कर परतीत ध्येय दिल पूजे।
ऐसी मत मंद फंद नहिं सूझे।
आवत नहीं निकट सतगुरु के काल कर्म के रन में जूझे।
प्रतमा पूज जूझ में अटको भटक मरो फिर पंथ न सूझे।
जूड़ीराम नाम बिन चीन्हें कर परतीत ध्येय दिल पूजे।