Last modified on 10 जून 2015, at 16:09

ऐसे प्रनत पाल रघुराई / संत जूड़ीराम

ऐसे प्रनत पाल रघुराई
वेद-पुरान विदित महिमा अति संतन के सुखदाई।
राखी पत प्रहलाद भक्त की फटो खंभ अर्राई।
धर नरसिंह असुर संघारे पूरन भक्ति डिढ़ाई।
त्रेतायुग अवतार अवध में लीला ललित सुहाई।
तात मात गृह राजतिलक तज सुरहित वनहिं सिधाई ।
जे जगदीन अधीन अधम अति सब कर विपत गमाई।
जूड़ीराम नाम रघुवर को भजमन तजि कुटलाई।