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ऐसौ बारौ बार याहि बाहरौ न जान दीजै / आलम
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ऐसौ बारौ बार याहि बाहरौ न जान दीजै,
बार गए बौरी तुम बनिता सँगन की ।
ब्रज टोना टामन निपट टोनहाई डोलैं,
जसोदा मिटाउ टेव और के अँगन की ।
'आलम' लै राई लौन वारि फेरि डारि नारि,
बोलि धौं सुनाइ धुनि कनक कंगन की ।
छीर मुख लपटाये छार बकुटनि भरें, छीया,
नेंकु छबि देखो छँगन-मँगन की ।