भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ओना मुन्ना का घर मऽ घुम्मर गाय / पँवारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ओना मुन्ना का घर मऽ घुम्मर गाय
भल्ले भाई भल्ले
उ ते दोय्हनी ले ले दुहन खअ् जाय
भल्ले भाई भल्ले
मार दियो लात ते तोड़ऽ दियो दाँत।
भल्ले भाई भल्ले
डेहरी परऽ बठ खऽ रोवय ओकी नार
भल्ले भाई भल्ले
आब काहे रोवय मऽरीऽ अबला नार
भल्ले भाई भल्ले
पैसा काल देहूॅ सोलह यार
भल्ले भाई भल्ले
ओना मुन्ना का घर मऽ घूम्मर गाय
भल्ले भाई भल्ले