कहाँ छुपे हौ ओ गान्ही जी
तनी निहारौ ओ गान्ही जी!!
तुम्हरे नाम प भगमच्छरु है
कहाँ बिलाने हौ गान्ही जी!!
हाँथे मा तस्वीर तुम्हारि है
कमर मा कट्टा है गान्ही जी!!
सत्य अहिंसा सदाचार की
करैं सफाई ओ गान्ही जी!!
सबसे पीछे खड़ा बुधैय्या
वहै पुकारै ओ गान्ही जी!!
वहिकी कोउ सुनै वाला ना
ओ गान्ही जी ओ गान्ही जी!!