Last modified on 10 अप्रैल 2020, at 23:25

ओ चिड़िया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:25, 10 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ओ चिड़िया तुम कितनी अच्छी
फुदक फुदक कर गाती हो
घने पेड़ की डाल बैठकर
अपनी पूंछ हिलाती हो

मैं चुपचाप पीछे से आकर
यदि तुम तक चढ़ आऊँ तो
बैठूँ पास तुम्हारे जाकर
पत्तों में छुप जाऊँ तो

उड़ मत जाना प्यारी चिड़िया
हम तुम दोनों झूलेंगे
पंख मुझे यदि दे दोगी तो
आसमान भी छू लेंगे।