कनि होलि का गै होलि जिकुड़ि कि आश मेरी
सुमर्याण सि बगदी छयी जिंदगी की ज्व सांस मेरी।
हैंसदि छयि जब तू कभि फूल फ्योंलि का खिलदा छया
किलै बिरूट ह्वेगे होलि डबखदी वा हिलांस मेरी।
त्यारा गीतों कि भूख मेरी तेरी हैंसी कि तीस मिथैं
मेरि दुन्या छै बस त्वे तलक, त्वी छै अगास मेरी।
कैन त्वेतैं बुलाई छयो कैन त्वेतैंइ न्योति होलु
मिन त कब्बि भि बोली नि छौ केकु ह्वेगे तु खास मेरी।
अब तू ह्वेगे होलि हैंका कि फुलमाल़ा बणी गौल़ की
याद रैगिन तेरी उलरी, बणिकि गल़फाँस मेरी।