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कभी ज़िन्दग़ी को हाथ से फिसलते देखा है? / जया झा

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कभी ज़िन्दग़ी को हाथ से फिसलते देखा है?


कोई वज़ह नहीं कि जी न सकें,

हाथ में रखा जाम पी न सकें।

मजबूत हाथों के होते भी,

फिसलन की वजह से

कभी प्याले को हाथ से गिरते देखा है?


कभी ज़िन्दग़ी को हाथ से फिसलते देखा है?