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कभी थकन के असर का पता नहीं चलता / मुनव्वर राना


कभी थकन के असर का पता नहीं चलता
वो साथ हो तो सफर का पता नहीं चलता

वही हुआ कि मैं आँखों में उसकी डूब गया
वो कह रहा था भँवर का पता नहीं चलता