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"कम करती है गर्मी की मनमानी को / जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर
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ज़िंदा रखते हैं राजा या रानी को | ज़िंदा रखते हैं राजा या रानी को | ||
20:38, 4 अगस्त 2010 का अवतरण
कम करती है गर्मी की मनमानी को
गहराई ज़िन्दा रखती है पानी को
दूरी आंधी बर्फ़ धूप की बाधाएँ
रोक नहीं सकती सच्चे सैलानी को
याद नहीं रहते या याद नहीं रखते
लोग आजकल संबंधों के मानी को
वाणी द्वारा कम आँखों द्वारा ज़्यादा
व्यक्त किया उसने अपनी हैरानी को
प्रजातंत्र में भी बच्चों के किस्से ही
ज़िंदा रखते हैं राजा या रानी को
लोग आंकड़ों को ही ज्ञान समझ बैठे
कम्प्यूटर जैसा कुछ समझे ज्ञानी को
क्या भूलूँ क्या याद करूँ की उलझन में
अलबम रखते हैं हम याद-दहानी को