Last modified on 3 अप्रैल 2018, at 20:35

कयास / ॠतुप्रिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:35, 3 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=ठा’...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुसाणां में
दाग स्यूं पैली
राखै चूंतरै माथै

पछै मुंडौ उघाड़’र
सगळा निरखै
अर बारी-बारी
लगावै कयास

कै स्यात
आंवता हुयसी सांस।