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करन्ड कस्तूरी भरिया छाबा भरिया फूलड़ा जी / निमाड़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

करन्ड कस्तूरी भरिया, छाबा भरिया फूलड़ा जी।
तुम भेजो हो धणियेर रनुबाई, जो हम करसां आरती जी
थारी आरतड़ी ख आदर दीसाँ,
देव दामोदर भेंटसा जी।।
करन्डी कस्तूरी भरिया, छाबा भरिया फूलड़ा जी।।