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कराची में भी कोई चांद देखता है / लाल्टू

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कराची में भी कोई चाँद देखता है
युद्ध सरदार परेशान
ऐसे दिनों में हम चाँद देख रहे हैं

चाँद के बारे में सबसे अच्छी ख़बर कि
वहाँ कोई हिंद पाक नहीं है
चाँद ने उन्हें खारिज शब्दों की तरह कूड़ेदान में फेंक दिया है ।

आलोक धन्वा! तुम्हारे जुलूस में मैं हूँ, वह है
चाँद की पकाई खीर खाने हम साथ बैठेंगे
बगदाद, कराची, अमृतसर, श्रीनगर जा
अनधोए अँगूठों पर चिपके दाने चाटेंगे।