दोस्ती में अदावत का डर दोस्तो
रफ़्ता-रफ़्ता करेगा असर दोस्तो
वो धुआं है तो फिर उड़के खो जाएगा
आदमी है तो आएगा घर दोस्तो
मेरे अंदर है बैचेन-सी हर गली
मैं हूँ कर्फ़्यू का मारा शहर दोस्तो
भोर का वो सितारा विदा हो गया
मेरे हाथों पे रखके सहर दोस्तो
बीच में एक अर्जुन पशेमान था
कुछ इधर भाई थे, कुछ उधर दोस्तो
छेद ही छेद उसके सफ़ीन में थे
और पानी पे था उसका घर दोस्तो