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"कर लो दिल को गवाह फिर कहना / राज़िक़ अंसारी" के अवतरणों में अंतर

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07:24, 14 जून 2019 के समय का अवतरण

कर लो दिल को गवाह फिर कहना
ख़ुद को तुम बे गुनाह फिर कहना

मेरे बारे में जो भी कहना है
मुझ से कर ले निबाह फिर कहना

कुछ फक़ीरों से गुफ़्तगू कर ले
ख़ुद को तू बादशाह फिर कहना

दोस्ती इम्तिहान में रख दे
कौन है ख़ेर ख़्वाह फिर कहना

शेर कहना है ठीक है लेकिन
कर ले दिल को तबाह फिर कहना