http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A4%B9_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A4%96%E0%A5%80_%E0%A4%B0%E0%A5%80_/_%E0%A4%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%A3&feed=atom&action=historyकर सोलह सिंगार सखी री / उर्मिल सत्यभूषण - अवतरण इतिहास2024-03-29T12:02:31Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A4%B9_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A4%96%E0%A5%80_%E0%A4%B0%E0%A5%80_/_%E0%A4%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%A3&diff=269002&oldid=prevसशुल्क योगदानकर्ता ५: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उर्मिल सत्यभूषण |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2019-10-20T18:54:22Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उर्मिल सत्यभूषण |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=उर्मिल सत्यभूषण<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=मेरे गीत मसीहा / उर्मिल सत्यभूषण<br />
}}<br />
{{KKCatGeet}}<br />
<poem><br />
कर सोलह सिंगार सखी री<br />
साजन के घर जाना है<br />
पीहर के दिन चार सखी री<br />
पी घर असल ठिकाना है।<br />
आँख में प्यार का अंजन घर ले<br />
अवगुण छोड़ सगुण झोली भर ले<br />
ले किरणों का हार सखी री।<br />
रूठा सजन मनाना है<br />
हाथ में मेंहदी पांव महावर<br />
ओढ़ ले लाल सुहाग की चूनर<br />
हो जा तू तैयार सखी री।<br />
पवन हिंडोला आना है।<br />
तू नदियां है वो सागर है<br />
शांति का घर प्रेम नगर है<br />
जाना है उस पार सखी री<br />
सागर बीच माना है।<br />
अपना आप तू कर दे अर्पण<br />
उसके चरणों पर हो समर्पण<br />
होगा बेड़ा पार सखी री<br />
अपना आप मिटाना है<br />
धरती और आकाश हिला है<br />
ज्योति से प्रकाश मिला है<br />
बंध गये बंदन वार सखी री<br />
ज्योति ज्योत समाना है।<br />
</poem></div>सशुल्क योगदानकर्ता ५