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'''१) कविता कोश के लिये कवियों का चुनाव'''<br><br>
 
'''१) कविता कोश के लिये कवियों का चुनाव'''<br><br>
  
हिन्दी काव्य सागर के समान है। बहुत विशाल। इसलिये कोश की वृद्धि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। अभी इस वृद्धि का पहला चरण चल रहा है। पूरे विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि इस चरण में केवल अपेक्षाकृत अधिक प्रतिष्ठित कवियों की रचनाओं का संकलन किया जाएगा। कौन कवि कितने प्रतिष्ठित हैं या थे -इस बात का कोई पैमाना सोचना बडा मुश्किल है क्योंकि प्रतिष्ठा सापेक्षिक और व्यक्तिगत होती है। इस लिये यह तय किया गया है कि इस चरण में केवल उन रचनाकारों को सम्मिलित किया जाएगा जिनकी कविताएँ स्कूल कालिजो की पाठ्यपुस्तकों में छप चुकी हैं। पहला चरण कोश में कम से कम २००० कविताओं के इकठ्ठे होने तक चलता रहेगा।<br><br>
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हिन्दी काव्य सागर के समान है। बहुत विशाल। इसलिये कोश की वृद्धि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। अभी इस वृद्धि का पहला चरण चल रहा है। पूरे विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि इस चरण में केवल अपेक्षाकृत अधिक प्रतिष्ठित कवियों की रचनाओं का संकलन किया जाएगा। कौन कवि कितने प्रतिष्ठित हैं या थे -इस बात का कोई पैमाना सोचना बडा मुश्किल है क्योंकि प्रतिष्ठा सापेक्षिक और व्यक्तिगत होती है। इस लिये यह तय किया गया है कि इस चरण में केवल उन रचनाकारों को सम्मिलित किया जाएगा जिनकी कविताएँ स्कूल कालिजो की पाठ्यपुस्तकों में छप चुकी हैं। पहला चरण कोश में कम से कम 5000 कविताओं के इकठ्ठे होने तक चलता रहेगा।<br><br>
  
 
इस नीति के कारण जो रचनाकार अभी अपनी स्वंय की रचनाओं को कोश का अंग नहीं बना सकते -उनसे अनुरोध है कि वे अनुभूति जैसी ई-पत्रिकाओं से संपर्क करें।<br><br>
 
इस नीति के कारण जो रचनाकार अभी अपनी स्वंय की रचनाओं को कोश का अंग नहीं बना सकते -उनसे अनुरोध है कि वे अनुभूति जैसी ई-पत्रिकाओं से संपर्क करें।<br><br>

11:25, 14 अगस्त 2006 का अवतरण

१) कविता कोश के लिये कवियों का चुनाव

हिन्दी काव्य सागर के समान है। बहुत विशाल। इसलिये कोश की वृद्धि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। अभी इस वृद्धि का पहला चरण चल रहा है। पूरे विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि इस चरण में केवल अपेक्षाकृत अधिक प्रतिष्ठित कवियों की रचनाओं का संकलन किया जाएगा। कौन कवि कितने प्रतिष्ठित हैं या थे -इस बात का कोई पैमाना सोचना बडा मुश्किल है क्योंकि प्रतिष्ठा सापेक्षिक और व्यक्तिगत होती है। इस लिये यह तय किया गया है कि इस चरण में केवल उन रचनाकारों को सम्मिलित किया जाएगा जिनकी कविताएँ स्कूल कालिजो की पाठ्यपुस्तकों में छप चुकी हैं। पहला चरण कोश में कम से कम 5000 कविताओं के इकठ्ठे होने तक चलता रहेगा।

इस नीति के कारण जो रचनाकार अभी अपनी स्वंय की रचनाओं को कोश का अंग नहीं बना सकते -उनसे अनुरोध है कि वे अनुभूति जैसी ई-पत्रिकाओं से संपर्क करें।

२) कविता कोश में "कविता" से तात्पर्य

कोश में "कविता" का अर्थ हिन्दी काव्य के किसी भी छंद से है।