Last modified on 28 जून 2017, at 00:36

कविता जिसी कोई चीज / मनमीत सोनी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:36, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनमीत सोनी |अनुवादक= |संग्रह=थार-स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रै दुखड़ा
थूं आ
अर
मार मंगरां पर म्हारै थापी जोर सूं

कविता जिसी कोई चीज
अटकी पड़ी है मांय।