Last modified on 9 जनवरी 2011, at 04:34

कविता / पारस अरोड़ा

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:34, 9 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= पारस अरोड़ा |संग्रह= }}‎ {{KKCatKavita‎}}<poem>यह मानचित्र ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यह मानचित्र है
यह एसिया और अफ्रीका
अंगुली रखता हूं
और भर जाती है खून में
ऐसे समय मालूम चलता है
कि बुरे वक्त में
अच्छा पड़ौसी कितना काम आता है
मिल कर छूट जाए तो
बहुत याद आता है ।

अनुवाद : नीरज दइया