भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कवि / इराक्ली ककाबाद्ज़े / राजेश चन्द्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इराक्ली ककाबाद्ज़े |अनुवादक=राज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
  
 
सफ़ेद चोगा पहने,
 
सफ़ेद चोगा पहने,
खड़ा हूं मैँ, एक कवि,
+
खड़ा हूँ मैँ, एक कवि,
  
 
सामने, अपने देश के फांसी के तख़्ते के...
 
सामने, अपने देश के फांसी के तख़्ते के...

14:31, 18 नवम्बर 2019 के समय का अवतरण

एक अकेला सपना
मुझे नहीं लेने देता चैन,

बल्कि वह ग्रस लेता है मुझे –

सफ़ेद चोगा पहने,
खड़ा हूँ मैँ, एक कवि,

सामने, अपने देश के फांसी के तख़्ते के...

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र

लीजिए, अब इसी कविता का जार्जियाई भाषा से अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए
              Irakli Kakabadze

A single dream
Does not give me rest, but obsesses me—
Dressed in a white kimono,
I stand, a poet,
Before my country’s gallows . . .

Translated from Georgian by Mary Childs