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कश्मीरी युवाओं के नाम-एक पैगाम / त्रिभवन कौल

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उस माँ से आज़ादी माँग रहे,
जिस माँ ने तुमको जन्म दिया
उस माँ से आज़ादी चाह रहे,
 जिस माँ का तुमने दूध पिया
आज़ादी का शब्द नाद
अरे आज़ादी का सूचक है
पकिस्तान में माँग के देखो,
बर्बादी का द्योतक है

पत्थर हाथ में लेकर तुम,
साबित करना क्या चाहते हो
संविधान हमारा साक्षी है,
अहिंसा से सब पा जाते हो
आका तुम्हारे तुमको,
शतरंज की बिसात बनाते हैं
जैसा चाहें तुमको वह,
वैसा ही तुम्हे चलाते हैं

पूछो उनसे उनके बच्चे,
क्या वह संग तुम्हारे रहते हैं
दूर देश में पढ़ते लिखते,
उनके अपने बच्चे प्यारे हैं
समझदार युवा तुम सब हो,
कुछ तो इसपर गौर करो
मुजाहिरों पर जुल्म हो रहे,
इस पर भी तुम ध्यान धरो

पंडितों को तो बाहर किया,
अब क्या तुम्हारी बारी है?
कश्मीरियों को ख़त्म करो,
पाकी करतूत जारी है
है कश्मीरियत का वास्ता,
चाल पाक की समझो तुम
अलगाववाद के हामी लीडर,
हैं "पासे उनके" समझो तुम

भारत के तिरंगे नीचे,
तुम अपनी उड़ान भरो
हर क्षेत्र में बन दक्ष,
कश्मीर की पहचान बनो
कश्मीर का दर्द लिए
मैं पंडित, विस्थापन में जीता हूँ
पाक की बातों में ना आना,
तुम्हारी बेवतनी से डरता हूँ

जय हिन्द के नारों से
दुश्मन के मंसूबे ख़ाक करो
भारत माँ के सपूत तुम,
इरादे उनके राख करो
जय हिन्द, जय भारत, जय हिंदुस्तान
हो तुम्हरी यही आन बान और शानI