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Kavita Kosh से
उसे चरित्र कहते हैं
वह जैसा है सादा सा
उसे चरित्र कहते है वह जैसा लिख पाता है
उसे इमानदार होना कहते हैं
वह जो निस्वार्थ चला आता है इतनी दूर तक
उसे मनुष्य होना कहते हैं