Last modified on 26 मई 2010, at 13:07

कहीं मैं हो जाऊँ लयमान / हरिवंशराय बच्चन

Tusharmj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:07, 26 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन }} कहीं मैं हो जाऊँ लयमान, कहाँ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


कहीं मैं हो जाऊँ लयमान,

कहाँ लय होगा मेरा राग,

विषम हालाहल का भी पान

बढ़ाएगा ही मेरा आग,


नहीं वह मिटने वाला राग
जिसे लेकर चलती है आग,
नहीं वह बुझने वाली आग
उठाती चलती है जो राग!