Last modified on 15 सितम्बर 2009, at 13:29

कहो / रमेशचन्द्र शाह

हवा से कहो
तुम्हारे खालीपन भरे
अंधेरे से कहो
तुम्हे नदी पार कराये
आसमान से कहो
तुम्हें मकान ढूंढ दे
सड़कों से कहो
तुम्हे काम पर लगा दे

शब्दों से कहो
..........
नहीं !
शब्दों से
कुछ मत कहो