कह दो धन से बल से शोहरत हासिल करने वालों से
नवयुग का इतिहास लिखेंगे बाकी लोग कुदालों से
बड़ी-बड़ी चीज़ों के दावेदार बन गए बड़े-बड़े
जूझ रहा है आम आदमी अब तक आम सवालों से
आँख बदल कर पलट पड़े तो एक क़हर बरपा होगा
मजबूरी में जो करवा लो भूखे नर कंकालों से
छोटे-से दीपक के मन में यह विश्वास सबलतम है
अँधियारा क्या जीत सकेगा अंतिम युद्ध उजालों से