मूसल के नीचे चावल सहता है
कसी यातनाएँ
कुटाई हो जाने पर दिखता है कैसा झक्क
कपास के समान वह
घटती हैं आदमी के साथ भी
ठीक ऐसी घटनाएँ
कड़ी परीक्षाएँ
देती हैं बदल उसे
परिष्कृत हीरे में
मूसल के नीचे चावल सहता है
कसी यातनाएँ
कुटाई हो जाने पर दिखता है कैसा झक्क
कपास के समान वह
घटती हैं आदमी के साथ भी
ठीक ऐसी घटनाएँ
कड़ी परीक्षाएँ
देती हैं बदल उसे
परिष्कृत हीरे में