काजर आंजत मुंह सजावत देख लजावत दर्पण छोरी।
केस सजावत फूल लगावत खुद ल देखत भावत छोरी।
आवत जावत रेंगत कूदत नाचत गावत देखत गोरी।
काबर मुंह बनावत मुंह लुकावत हे जिबरावत गोरी।
काजर आंजत मुंह सजावत देख लजावत दर्पण छोरी।
केस सजावत फूल लगावत खुद ल देखत भावत छोरी।
आवत जावत रेंगत कूदत नाचत गावत देखत गोरी।
काबर मुंह बनावत मुंह लुकावत हे जिबरावत गोरी।