भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कामना पूरी करो माई कामना पूरी करो माई / बुन्देली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कामना पूरी करो माई, कामना पूरी करो माई।
पूरना पूरी करो माई।
के माई मोरी काहे को तेरो मंदिर
काहे के लगे खम्भे री माई। पूरना...
के माई मोरी, सोने को तेरो मंदिर
रूपे के चारो, खम्भा री माई। पूरना...
के माई तेरों, काहे को लागे भोग
काहे को भरी, झाड़ी री माई। पूरना...
के माई मोरी, दाख चिरौंजी को भोग
गंगा जल झाड़ी भरी माई। पूरना...
औ माई मोरी, निर्धन खों धन दीजो
कोढ़िन खों काया री माई। पूरना...
कै माई मोरी, सबकी खबर है लीजो
अरज मोरी सुनियो री माई। पूरना...