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कायदा / राजेश श्रीवास्तव

उतना ही आदर कीजिए
किसी व्यक्ति का
जितना हर वक्त, हर स्थिति में
हर व्यक्ति के सामने
आप निःसंकोच कर सकें।
अन्यथा, सार्वजनिक रूप से
चरण-स्पर्श आप कर नहीं सकते
और खोखली नमस्ते
वह पचा नहीं सकेगा
इस तरह, कोई भी
किसी का सम्मान बचा नहीं सकेगा।