भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

काला राक्षस-13 / तुषार धवल

Kavita Kosh से
Lina jain (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 20:38, 8 अक्टूबर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुषार धवल }} सत्ताएं रंगरेज़ वाद सिद्धांत पूंज...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सत्ताएं रंगरेज़

वाद सिद्धांत पूंजी आतंक

सारे सियार नीले


उस किनारे अब उपेक्षित देखता है मोहनदास

और लौटने को है

उसके लौटते निशानों पर कुछ दूब सी उग आती है।