सत्ताएं रंगरेज़
वाद सिद्धांत पूंजी आतंक
सारे सियार नीले
उस किनारे अब उपेक्षित देखता है मोहनदास
और लौटने को है
उसके लौटते निशानों पर कुछ दूब सी उग आती है।
सत्ताएं रंगरेज़
वाद सिद्धांत पूंजी आतंक
सारे सियार नीले
उस किनारे अब उपेक्षित देखता है मोहनदास
और लौटने को है
उसके लौटते निशानों पर कुछ दूब सी उग आती है।