भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

काले सफ़ेद शब्द / अनिता भारती

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम्हारा प्यार,
अखबार में लिपटी
गर्म रोटी की तरह

जो हर बार
मेरी ऊष्मा पर
कुछ काले सफ़ेद शब्द
छोड़ जाता है