Last modified on 14 जून 2014, at 11:33

काव्य-न्याय / गीत चतुर्वेदी

जिस आदम को स्वर्ग से बेआबरू निकाला गया
उसकी नियति देख लीजिए
आदम के आंगन में बाल-बच्चे किलक रहे
स्वर्ग ख़ुद ही नेस्तनाबूद हो गया