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काश ! / अनामिका अनु

काश !
सड़कें बारिश से पहले बनतीं
और बारिश के बाद भी बनी ही रहतीं

किसी बड़े ठेकेदार का
घर छोटा होता
जनता चकमक सफ़ेद कुर्तों में निकलती
और नेता सारे साधारण कपड़ों में,

काश !
एक दिन राजा काम पर न जाता
और उस दिन उसके पास खाने को कुछ नहीं होता