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का हो टुकुर टिटिहिरी / दीपक शर्मा 'दीप'

का हो टुकुर टिटिहिरी!
कँहवा से सुर लगऽवलू?
बदरा छछात बाटें
अन्हरात बा सिवनवा।
रोवत रहल गुजऽरिया
हँसी के ठुमुक रहलि बा
कजरा लगा के निकसि
अँगना में फूल दुलहिन
छम छम बजे पयऽलिया
करधन कसी कमऽरिया।
मारें पटाँग बिटिया
झूला पड़ऽल रे निबिया
केहू बनावे केसिया
केहू खेलावे बिबिया
केतना सता के सबकय
अइले रे तैं सवनवा।
का हो टुकुर टिटिहिरी!
कहँवा से सुर लगऽवलू?
बदरा छछात बाटें
अन्हरात बा सिवनवा।