Changes

2-18-06-1978 (अक्तुबर 1978 राष्ट्रसेवक गौहाटी,आकाशवाणी अम्बिकापुर- 20-12-1999)
'''4'''
जीवन की लम्बी राहों पर गर कोई भी साथ नहीं।
हार ना जाना मन, अकेला चलना कोई बात नहीं।
बीते कल की लेकर यादें, तुम आगे बढ़ते जाना ।
जब उमड़ें आँखों में आँसू, तनिक ठहर फिर मुस्काना ।
-0-15-02-1979
'''5'''
तेरे नक़्शे-क़दम पे जब-जब भी चल पाया हूँ
आँसुओं के सागर को तैरकर घबराया हूँ ।
चुपके से आकर छुप जाओ मेरे ही दिल में
मुद्दतों बाद अए दर्द , तुझे ढूँढ पाया हूँ ।
'''65'''
वह लाज में डूबकर सिमटना तेरा
नज़रों ही नज़रों में लिपटना तेरा ।
गुलाबी चाँद उगा नशीली साँझ में
देखते सब राह में ठिठकना तेरा ।
'''76'''
हम तुम्हारे इस जहाँ में, इस कदर अब खो गए ।
अपना ही हमको पता न खुद से पराए हो गए ।।
नींद हमको आ गई तो संग में अरमाँ सो गए ॥
-0-7-11-79
'''87'''
आँचल में कभी छुपा लेते तो क्या होता
दो घड़ी अपना बना लेते तो क्या होता ।
अपने हाथों से तुम उजाड़ देते उपवन
काँटों को भी गले लगा लेते तो क्या होता
'''98'''
तुमको मेरी बात, जब-जब याद आई होंगी
आँखों मे दर्द की घटा-सी छाई होगी ।
आँखें तुम्हारी और भी भर आई होंगी ।
-0-(29-09-80)
'''109'''
ज़िन्दगी में हार -जीत कोई बात नहीं
सफ़र में दिन या रात कोई बात नहीं ।