Last modified on 25 अप्रैल 2011, at 10:10

किसने बाँसुरी बजाई / जानकीवल्लभ शास्त्री

जनम-जनम की पहचानी वह तान कहाँ से आई !
किसने बाँसुरी बजाई

अंग-अंग फूले कदंब साँस झकोरे झूले
सूखी आँखों में यमुना की लोल लहर लहराई !
किसने बाँसुरी बजाई

जटिल कर्म-पथ पर थर-थर काँप लगे रुकने पग
कूक सुना सोए-सोए हिय मे हूक जगाई !
किसने बाँसुरी बजाई

मसक-मसक रहता मर्मस्‍थल मरमर करते प्राण
कैसे इतनी कठिन रागिनी कोमल सुर में गाई !
किसने बाँसुरी बजाई

उतर गगन से एक बार फिर पी कर विष का प्‍याला
निर्मोही मोहन से रूठी मीरा मृदु मुस्‍काई !
किसने बाँसुरी बजाई