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किसी आगाज़ का कुछ इस तरह अंजाम हो जाए / महेश कटारे सुगम

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किसी आगाज़ का कुछ इस तरह अंजाम हो जाए ।
जिसे मशहूर होना हो वही बदनाम हो जाए ।।

ग़मे दिल पूछिए उस से मुहब्बत में जो घायल हो,
दिखा कर हुस्न का जलवा कोई गुमनाम हो जाए ।

वही इक रोज़ जीतेगा इरादे साथ हैं जिसके,
भले ही जंग में कई बार वो नाकाम हो जाए ।

उजाले दो उन्हें जिनको उजालों की ज़रूरत है,
दुआएँ दो अन्धेरों में हमारा काम हो जाए ।

गमों दुश्वारियों से जो सुगम मायूस हो बैठे,
वो मर जाएँ हमेशा के लिए आराम हो जाए ।

17-01-2015