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किसी दिन मैं प्रेम करूँगा ओशेन वुओंग को / ओशेन वुओंग / श्रीविलास सिंह

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ओशेन डरो मत।
राह का अन्तिम छोर है आगे इतनी दूर
कि यह पहले से ही है हमारे पीछे ।
चिन्ता मत करो। तुम्हारे पिता हैं केवल तुम्हारे पिता
जब तक कि तुम दोनों में से एक भूल नहीं जाता । जैसे कि रीढ़ को नहीं होते स्मरण अपने पंख
चाहे जितनी बार हमारे घुटने चूम लें पगडण्डी को। ओशेन,
क्या तुम सुन रहे हो ?
तुम्हारी देह का सबसे सुन्दर हिस्सा है जहाँ भी
पड़ती है छाया तुम्हारी माँ की ।
यहाँ है मकान जहाँ बचपन
हो गया विखण्डित एक अकेले लाल ट्रिप-वायर में।
चिन्ता मत करो । केवल कहो इसे क्षितिज
और तुम कभी भी न पहुँच पाओगे इस तक ।
यहाँ है आज । कूद जाओ । मेरा वादा है
यह नहीं है जीवन रक्षक नौका । यहाँ है मनुष्य,
जिसकी बाँहें हैं प्रशस्त समेट लेने भर को तुम्हारा प्रस्थान, और यहाँ है वह क्षण
रोशनी के बुझने के ठीक पूर्व का, जब तुम अभी देख सकते थे
मन्द पड़ती टार्च इसके पैरों के मध्य ।
तुम कैसे प्रयोग करते हो इसे बारम्बार
पाने को अपना स्वयं का हाथ ।
तुमने माँगा एक और अवसर
और तुम्हें दिया गया एक मुँह रिक्त करने को ।
डरो मत, गोली चलने की आवाज़ है
केवल थोड़ा और जी लेने की कोशिश करते
लोगों की आवाज़ । ओशेन, ओशेन,
उठो । तुम्हारी देह का सबसे सुन्दर हिस्सा
है वह जिस की ओर जा रही है यह । और स्मरण रहे,
एकाकीपन है अब भी बिताया गया समय
दुनिया के साथ । यहाँ है
वह कक्ष जिसमें हैं सब कोई,
तुम्हारे मित्र गुज़रते हुए तुममें से
जैसे गुज़रती है हवा किसी विण्ड चिम से ।
यहाँ है एक मेज़ तार से बँधे पाये वाली एक ईंट पर टिकी हुई । हाँ, यहाँ है एक कक्ष, इतना उष्ण और अन्तरंग,
कसम से, तुम जागोगे —
और भ्रम हो जाएगा तुम्हें इन दीवारों से
त्वचा का ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह